संस्कृत में श्रद्धांजलि एवं शोक संदेश – Shrdhanjali Quotes in Sanskrit

भावपूर्ण श्रद्धांजलि संदेश संस्कृत में : संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भांषा है, जिसे गूगल के द्वारा भी ट्रांसलेट नहीं किया जाता है, यह भांषा भारत की हिन्द भांषा है जिसे आज भारत में बहुत कम बोला जाता है, यदि भारत देश के लोग ही एक दुसरे को संस्कृत में जवाव नहीं देंगे या किसी से संस्कृत में नहीं बोलेंगे तब अन्य देश में यह कैसे चलेगी।

यदि आपके मित्र या परिवार में किसी की मृत्यु हो गई है और आप अपने दुःख संस्कृत भाषा के स्वारा प्रकट करना चाहते है तब आप इस लेख के माध्यम से कर सकते है, यहाँ इस लेख में आपको शोक संदेश संस्कृत में एवं मृत्यु पर शोक संवेदना संस्कृत में आदि प्रतुत करने जा रहे है, जिनके माध्यम से आप मृत्यु पर अपने दुःख प्रकट कर सकते है।

और पढ़े : Shradhanjali Quotes Message in Hindi

संस्कृत में श्रद्धांजलि

संस्कृत में श्रद्धांजलि एवं शोक संदेश - Shrdhanjali Quotes in Sanskrit

जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च।
तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि

अर्थ : जन्मने वाले की मृत्यु निश्चित है और मरने वाले का जन्म निश्चित है;  इसलिए जो अटल है अपरिहार्य – है उसके विषय में तुमको शोक नहीं करना चाहिये

Shradhanjali Quotes in Sanskrit

जातस्य हि लब्धजन्मनः ध्रुवः अव्यभिचारी मृत्युः मरणं ध्रुवं जन्म मृतस्य च। तस्मादपरिहार्योऽयं जन्ममरणलक्षणोऽर्थः। तस्मिन्नपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि।।
कार्यकरणसंघातात्मकान्यपि भूतान्युद्दिश्य शोको न युक्तः कर्तुम् यतः

अर्थ : जिसने जन्म लिया है उसका मरण ध्रुव निश्चित है और जो मर गया है उसका जन्म ध्रुव निश्चित है इसलिये यह जन्ममरणरूप भाव अपरिहार्य है अर्थात् किसी प्रकार भी इसका प्रतिकार नहीं किया जा सकता इस अपरिहार्य विषयके निमित्त तुझे शोक करना उचित नहीं !

मृत्यु पर शोक संवेदना संस्कृत में

पितृविसर्जनं इति किं नाम  पितृविसर्जनं किमर्थं क्रियते कस्‍य विसर्जनं च ।  अनेन लाभ: क: एते सर्वे प्रश्‍ना: अस्‍माकं मस्तिष्‍के आगच्‍छन्ति सम्‍भवत: ।  पितृविसर्जनं पितराणां 14 दिवसानां तर्पणादि क्रियाया: अनन्‍तरं प्रतिप्रेषणमस्ति तेषां लोके

Shok Sandesh in Sanskrit

Shok Sandesh in Sanskrit 

प्राग्देहकृतकर्मफलोपभोगार्थं सानुशयस्यैव प्रस्तुतत्वान्न जीवन्मुक्तेर्व्यभिचारः।
तस्मादेवमपरिहार्ये !
बहूनि में व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परंतप !

अर्थ : बगीचे मे फूलतो सिर्फ कुछ दिनों के लिए खिलता है, भगवान तो सिर्फ उन्हे अपने पास बुलाता है, जो उसे सबसे प्यारा लगता है

शोक सन्देश श्लोक

जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च।
तस्मादपरिहार्येथे न त्वं शोचितुमर्हसि

अर्थ : इस पृथ्वी पर हर वक़्त अरबों जीव जन्म लेते हैं और अरबों जीव शरीर त्याग देते हैं,
प्रकृति का अकाट्य नियम है की जो जीव जन्म लेता है उसी वक़्त उसके मृत्य का वक़्त भी निश्चित हो जाता है। इन शब्दों से आपको हौसला मिले, ॐ शांति !

प्रकृतिम स्वामवष्टभ्य विसृजामि पुन: पुन: ।
भूतग्राममिमं कृत्स्नमवशम प्रकृतेर्वशात !

अर्थ : हम आपके और आपके परिवार के लिए प्रार्थना करेंगे, नियति के आगे किसी की नहीं चली है, इस बार उसने एक दिव्यात्मा को अपने चरण में शरण दी है, उस दिवंगत आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो

आत्मा की शांति के लिए श्लोक

पितर: के – पितर: ते पूर्वजा: सन्ति अस्‍माकं, येषां कारणात् एव अस्‍माकं न केवलं जीवनम् अपितु अस्तित्‍वमपि अस्ति ।  ते पितरा: ये अस्मिन् संसारे न सन्ति सम्‍प्रति तेषामेव तर्पणादिकी क्रिया क्रियते अस्मिन् पक्षे ।  अनेन पितर: सन्‍तुष्‍टं भूय आशीर्वादान् ददति ।  यथा वयं प्रतिदिनं पूजार्चनं कुर्म: देवानां तथैव वयं पंचदश दिवसा: अस्‍माकं पितराणां प्रति यापयाम: ।  तेषां पूजार्चनं कुर्म: ।  तान् नमस्‍करोमि ।  तेषां आशीर्वादं च प्राप्‍नुम:

मृत्यु पर संस्कृत श्लोक

मृत्यु पर संस्कृत श्लोक

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नोरोपणानि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्य
न्यानि संयाति नवानि देहि !

अर्थ : जिस प्रकार मनुषय पुराने वस्त्रो को त्यागकर नए वस्त्र धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा पुराने तथा व्यर्थ के शरीरों को त्याग कर नवीन भौतिक शरीर धारण करता है !

Shradhanjali in Sanskrit  

हिंसायामाहवेऽन्यत्र
व्यश्वासारथ्यनायुधकृताञ्जलिप्रकीर्णकेशपराङ्भुखोपविष्टस्थलवृक्षारूढदूतगोब्राह्मणवादिभ्यः
इति !

अर्थ : जब हम अपने जीवन में अपने सबसे प्यारे व्यक्ति को खो देते हैं तो समय थमा हुआ सा प्रतीत होता है लेकिन यह जरुरी है कि आप खुद को व परिवार को संभालें और बाकी का कार्य हौसलों के साथ शुरू करें , ताकि उनकी आत्मा को सुकून मिले और वो स्वर्ग में शांति से विराजें

पुण्यतिथि संस्कृत श्लोक

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः

अर्थ : यह आत्मा न तो कभी शस्त्र द्वारा खण्ड खण्ड की जा सकती है, न अग्नि द्वारा जलाया जा सकता है, न जल द्वारा भिगोया या वायु द्वारा सुखाया जा सकता है

भावपूर्ण श्रद्धांजलि संदेश संस्कृत में

देहेन्द्रियादिसंबन्धवशाज्जातश्चेति। नित्यजातस्तमेनमात्मानं नित्यमपि सन्तं जातं चेन्मन्यसे तथा नित्यमपि सन्तं मृतं चेन्मन्यसे तथापि त्वं नानुशोचितुमर्हसीति प्रतिज्ञाय हेतुमाह जातस्य हीत्यादिना। नित्यस्य जातत्वं मृतत्वं च प्राग्व्याख्यातम् !

अर्थ : भगवान जो करता है उसके पीछे कुछ ना कुछ छुपा होता है, हो सकता है , कि इस बार उसने आपके पिता के लिए फैसला किया होकि वह स्वर्ग में आराम कर सके, भगवान आपके पिता जी की आत्मा को शांति दे !

Condolence Messages in Sanskrit

इत्येवोत्तरम्। युद्धाख्यं हि कर्म क्षत्रियस्य नियतमग्निहोत्रादिवत्।
तच्चयुध संप्रहारे इत्यस्माद्धातोर्निष्पन्नं

अर्थ : उनके जाने का दुःख जितना आपको है, उतना शायद ही किसी को हो, परन्तु दुःख की इस घड़ी में, आप स्वयं को कमज़ोर न समझिये, हम सब आपके साथ हैं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें

RIP Quotes in Sanskrit Shlok 

शत्रुप्राणवियोगानुकूलशस्त्रप्रहाररूपं
विहितत्वादग्नीषोमीयादिहिंसावन्न प्रत्यवायजनकम्।
तथाच गौतमः स्मरतिन दोषो

अर्थ : यह खबर सुनने के बाद ह्रदय द्रवित हो चूका है मेरे आंसू रुक नहीं रहे हैं, लेकिन नियति के सामने देवों की भी नहीं चलती, आप स्वयं को एवं परिवार को संभालें, आपकी माता जी की आत्मा को शांति मिले, हमारी प्रार्थनाएं आपके साथ हैं

Popular Searches : भावपूर्ण श्रद्धांजलि संदेश संस्कृत में, Shradhanjali Quotes in Sanskrit Font, RIP Messages in Sanskrit, मृत्यु पर संस्कृत श्लोक, Shok Sandesh in Sanskrit Language, Punytithi Quotes in Sanskrit, आत्मा की शांति के लिए श्लोक, Shradhanjali Messages in Sanskrit Language, शोक संदेश संस्कृत में, Dada/Dadi Shradhanjali in Sanskrit, द्वितीय पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि संदेश संस्कृत में, Condolence Messages in Sanskrit, निधन शोक भावपूर्ण श्रद्धांजलि संदेश संस्कृत में, Condolence Quotes in Sanskrit !

मुख्य शब्द 

इस लेख के जरिये हमने आपको संस्कृत में निधन पर शोक संदेश का एक बेहतरीन संग्रह पेश किया है, यदि आप अपने परिवार में किसी की मृत्यु पर श्रद्धांजलि एवं शोक सन्देश खोजते हुए इस लेख तक आये होंगे तब हम आशा करते है की आपको किसी अन्य लेख पर जाने की जरूरत नहीं होगी क्यूंकि यहाँ हमने आपको वह सन्देश और कविता प्रस्तुत कर दी है जिनसे आप अपने दुःख प्रकट कर सकते है।

हम आपसे आशा करते है की मृत्यु के बाद शोक संदेश संस्कृत में आपको हमारे द्वारा यह दिया गया संग्रह जरूर पसंद आया होगा, यदि हाँ तब इसे अपने दुखद परिवार के साथ अवश्य शेयर करे !

संबंधित लेख : निधन पर श्रधांजलि एवं शोक सन्देश – Shradhanjali Quotes Message in Hindi

Leave a Comment